Android Components
Android Activity
अगर आपकी application में GUI Screen है तो activity भी जरूर होगी। एक GUI Screen और activity में one to one relationship होती है। जेसे MVC paradigm में controller view को control करता है उसी प्रकार एक activity आपकी android application में GUI Screen को control करती है।
आप अपनी android application में जितनी GUI Screen चाहते है आपको उतनी ही activity create करनी होगी। हर activity एक GUI Screen को display करती है।
जब भी user GUI Screen के द्वारा कोई events generate करते है तो activity उन events को handle करने के लिए responsible होती है। कई बार activity system generated events को भी handle करती है।
GUI Screen में elements display करने के लिए activity views की मदद लेती है। हर view एक different element को represent करता है।
Android activity create करने के लिए आपको Activity class को extend करना होता है। इसका उदाहरण नीचे दिया जा रहा है।
public class yr_cls_nm extends Activity
{
}
Andorid Service
यदि किसी application को बहुत देर तक execute होना है तो उसे service की तरह implement करना बेहतर होता है। आप जब चाहे एक service launch कर सकते है और काम पूरा होने पर उसे terminate कर सकते है। Services background में run होती है और इनका user interface नहीं होता है। एक android service create करने के लिए आपको Service class को extend करना होता है। इसका उदाहरण नीचे दिया गया है।
public class yur_cls_nm extends Service
{
}
Android Broadcast Receiver
Intents का notification पाने के लिए एक application को खुद को broadcast receiver की तरह register करवाना होता है।
किसी application को register करवाने के लिए आपको AndroidManfest.xml file में receiver element को include करना पड़ता है। और इसके name attribute में अपनी class का नाम pass करना होता है। क्लास से पहले आपको dot operator (.) लगाना होता है। इसका उदाहरण नीचे दिया गया है।
<receiver android:name=".yourclassname">
</receiver>
receiver tags अंदर आप intent-filter tag यूज़ कर सकते है।
<receiver android :name =".yourclassname ">
<intent-filter>
<action android:name ="action_name">
</intent-filter>
</receiver>
Android Content Provider
यदि एक application अपना data किसी दूसरी application के साथ share करना चाहती है तो ऐसा content provider के साथ किया जा सकता है। किसी application का data उसके content provider में store होता है। जब भी एक application किसी दूसरी application के data को access करना चाहती है तो वो उस application के content provider को एक्सेस करती है। Content provider में कुछ methods होते है जो किसी application को डेटा access करने की permission देते है।
ये 4 primary components जो हर android application में होते है। Android components को समझना android को समझने के लिए बेहद जरुरी है।