Dynamic Host Configuration Protocol
Introduction to DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol)
किसी भी network में यदि कोई host किसी दूसरे host से communicate करना चाहता है तो इसके लिए उसके pass एक unique IP address होना चाहिए। चाहे फिर वह LAN(Local Area Network) हो या WAN(Wide Area Network) हो। ये IP addresses आप manually भी हर host पर configure कर सकते है। लेकिन यदि network काफी बड़ा है तो ये approach काम नहीं करेगी। बड़े network में आप हर host के pass manually जाकर IP addresses assign नहीं कर सकते है। इस problem को solve करने के लिए DHCP का इस्तेमाल किया जाता है।
Dynamic Host Configuration Protocol का काम hosts को IP address assign करना होता है। ये IP address dynamically assign किये जाते है। DHCP हमेशा IP addresses का pool maintain करके रखता है। जैसे ही कोई host network से जुड़ने का प्रयास करता है तो वह DHCP से IP address की request करता है। Host की request पर DHCP उसे एक IP address assign करता है। जब host network को छोड़ता है तो ये IP address वापस DHCP pool में आ जाता है और दूसरे hosts के लिए available हो जाता है।
DHCP एक client/server protocol होता है। इसका port number 67 होता है।
Hosts को IP address provide करना DHCP का primary task होता है। लेकिन DHCP IP address के अलावा बहुत सी information hosts को provide करता है। ऐसी कुछ common information की list निचे दी जा रही है।
- IP address (Ex. 192.168.2.1)
- Subnet Mask (Ex 255.255.0.0)
- Domain Name (Ex. www.yourdomain.com)
- Default Gateway (Ex. 10.0.0.0.1)
- DNS Server Address
Advantages of DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol)
आइये अब जानने का प्रयास करते है की DHCP से आपको क्या advantages मिलती है।
- DHCP से IP address configuration में errors के chances बिलकुल कम हो जाते है।
- DHCP use करने से आपको IP address की list को manage करने की आवश्यकता नहीं होती है। साथ ही आपको ये भी manage करने की आवश्यकता नहीं होती की कौनसा IP address free है और कौनसा assign किया जा चूका है। ये काम DHCP automatically कर लेता है।
- यदि आप host को किसी दूसरे network में move करते है तो DHCP नया IP address assign कर देता है।
Process of IP Address Configuration with DHCP
Host के request करने से लेकर IP address assign करने की process तक के कुछ steps होते है। इन steps को निचे समझाया गया है।
- सबसे पहले DHCP client (host) available DHCP servers के लिए DHCP discover message broadcast करता है। ये message network में DHCP server को discover करने के लिए यूज़ किया जाता है।
- इसके बाद जो DHCP server इस message को receive करता है वह client को Offer message भेजता है। Offer message के द्वारा DHCP server खुद की existence को show करता है।
- इसके बाद client server को IP address और regarding information के लिए Request message broadcast करता है।
- इसके बाद server client को information एक unicast acknowledgement message के द्वारा भेजता है।
Configuring DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol)
किसी भी network में DHCP server का important role होता है। DHCP server को किसी router या switch पर configure किया जा सकता है। यदि आप DHCP server configure कर रहे है तो आपके पास निचे दी गयी information होनी चाहिए।
Requirements
- आपके pass network ID होनी चाहिए। यदि आप किसी subnet की network ID नहीं define करते है तो by default सभी address assign किये जाते है।
- आपको ये भी पता होना चाहिए की ऐसे कौनसे addresses है जो पहले से यूज़ किये जा रहे है। जैसे की कोई addresses जो printers, routers या दूसरे purposes के लिए यूज़ किये जा रहे हो। ऐसे addresses को DHCP configuration से exclude किया जाता है।
- आपको network के default router(default gateway) का address भी पता होना चाहिए।
- DNS (Domain Name System) server का address भी आपको पता होना चाहिए।
ऊपर वो information बताई गयी जो किसी भी DHCP server को configure करने के लिए required है। निचे DHCP server को configure करने के लिए कुछ steps दिए जा रहे है। इन steps को follow करते हुए आप आसानी से DHCP को configure कर सकते है।
Steps
- सबसे पहले आप उन addresses को exclude करते है जो पहले से दूसरे purpose के लिए यूज़ किये जा रहे है या reserved है।
- इसके बाद आप subnet के लिए unique name से pool create करते है।
- इसके बाद आप वो network ID और subnet mask set करते है जो server hosts को IP addresses assign करने के लिए यूज़ करेगा।
- इसके बाद आप default gateway का address set करते है।
- इसके बाद DNS server का address set किया जाता है।
- यदि आप पहले से set lease time नहीं यूज़ करना चाहते तो आप lease time को days, hours और minutes में set कर सकते है।
Example
निचे DHCP configuration का example दिया जा रहा है।
router(config)#ip dhcp excluded-address 192.168.16.1 192.168.16.10
router(config)#ip dhcp pool hindi_me_padhai
router(dhcp-config)#network 192.168.10.0 255.255.255.0
router(dhcp-config)#default-router 192.168.10.1
router(dhcp-config)#dns-server 4.4.4.4
router(dhcp-config)#lease 2 15 2
ऊपर दिए गए उदाहरण को ध्यान से देखिये सबसे पहले network Id और broadcast address को exclude किया गया है। इसके बाद hindi_me_padhai के नाम से एक DHCP pool create किया गया है। इसके बाद network और subnet mask define किया गया है। Network को network Id के द्वारा define किया गया है। इसके बाद default gateway और DNS server define किया गया है। सबसे आखिर में lease time define किया गया है। Default lease time 24 घंटे का होता है। लेकिन यदि आप इसे change करना चाहते है तो कर सकते है।