Frame Relay

Introduction to Frame Relay

Frame relay एक packet switched technology है। इसे local area networks के बीच कम लागत में data transfer करने के लिए design किया गया था। साथ ही इसे Wide Area Networks में end points के बीच भी use किया जाता रहा है। Frame relay एक बहुत ही popular service रही है। लेकिन अब इसे ज्यादातर internet service providers द्वारा बंद कर दिया गया है।

जैसा की आपको पता है packet switched technologies best effort basis पर काम करती है और data के transfer होने की कोई guarantee नहीं देती है। Frame relay service भी इसी अवधारणा के अनुरूप काम करती है। Frame relay service में data को एक frame में डाला जाता है और retransmission का काम endpoints पर छोड़ दिया जाता है जिससे data transmission speed बड़ जाती है।

जैसा की मैने आपको पहले बताया frame relay से data transfer लागत कम हो जाती है। उदाहरण के लिए निचे निचे दिए गए diagram को देखिये।

frame relay example

ऊपर दिए गए diagram में Main Office के router से सभी Branch office routers को एक dedicated line से connect किया हुआ है। क्योंकि ये WAN technology है इसलिए इस तरह की network configuration में काफी लागत आती है। इस situation में frame relay को use किया जा सकता है।

Frame relay Main Office और सभी branch offices के बीच काम करेगा और सभी branch routers को एक single physical connection के द्वारा Main Office से connect करेगा। Frame relay एक switch पर काम करता है, जिससे की आप branch offices को किसी WAN technology के बजाय LAN technology से connect कर सकते है। ऐसा करने से आपको हर branch office के लिए अलग से dedicated WAN technology line की आवश्यकता नहीं होगी और आपकी लागत बहुत कम हो जायेगी। इसे निचे diagram द्वारा समझाया गया है।

frame relay

ऊपर दिए गए उदाहरण में Main office router के जिस interface से frame relay switch connected है वह DTE (Data Terminal Equipment) कहलाता है और frame relay switch के जिस interface से Main office router connected है वह DCE (Data Communication Equipment) कहलाता है।

CIR (Committed Information Rate)

एक frame relay network में अलग अलग locations से कई routers किसी main router से connected रहते है। Data transfer के दौरान ये सभी routers एक single dedicated line को share करते है। आसान शब्दों में कहें तो सभी routers एक single dedicated line की bandwidth को share करते है।

Frame relay के द्वारा data को जिस frame में डाला जाता है CIR उसी frame में एक field होता है जो ये define करता है की एक frame dedicated line की कितनी bandwidth occupy करेगा। इस field की value अधिक और कम set की जा सकती है। लेकिन जो भी value set करें वह access rate से अधिक नहीं होनी चाहिए।

Access rate एक frame relay interface की maximum speed होती है। दूसरी और CIR maximum bandwidth होती है जो frame occupy करेगा। यदि ये दोनों values same होती है तो frame relay connection किसी dedicated line की तरह काम करेगा।

जैसा की DLCI के नाम से आप अंदाजा लगा सकते है यह frame relay के माध्यम से जुड़े हुए different data link connections को unquely identify करने के लिए use किया जाता है। ये एक integer number होता है जो frame relay service provider द्वारा assign किया जाता है। इसे frame relay interfaces पर configure किया जाता है।

यदि ऊपर उदाहरण में दिए गए network के सन्दर्भ में देख तो frame relay switch से जाने वाले सभी interfaces पर इसे configure किया जाएगा। इस प्रकार ये सभी branch offices को frame relay से main office के बीच जाने वाली dedicated link में uniquely identify करेगा।

LMI (Local Management Interface)

LMI एक signalling standard है। इसे DTE router और frame relay के first switch (DCE) के बीच use किया जाता है। ये frame relay में होने वाले operations और status की जानकारी DTE और frame relay service provider के बीच share करता है।

LMI निचे दी गयी information को share करता है।

  1. Keepalives - ये signal बताता है की data flow हो रहा है।
  2. Multicasting - ये LMI में एक optional extension है जिसके माध्यम से routing information और ARP request frame relay network में distribute की जाती है।
  3. Global Addressing - ये option DLCI को globally identity provide करता है। इसके माध्यम से frame relay network किसी LAN की तरह काम कर सकता है।
  4. Status of Virtual Circuits - ये option सभी data link connections का status provide करता है।

LMI 3 प्रकार के standard signaling formats को support करता है जिनके बारे में निचे दिया जा रहा है।

  1. Cisco - Cisco devices पर ये signalling format default है। ये एक Cisco proprietary signalling format है।
  2. ANSI - इस format में annex D को ANSI standard T1.617 के साथ include किया गया है।
  3. ITU-T (Q.993A) - ITU - T में annex A को include किया गया है। इसे q933a command द्वारा define किया गया है।

Frame Relay Encapsulation Types

जब आप frame relay को Cisco router पर configure करते है तो आप इसे serial interface पर encapsulation के रूप में define करते है। Frame relay के साथ आप HDLC या PPP को नहीं use कर सकते है। Frame relay के साथ आप 2 encapsulation types use कर सकते है। इनके बारे में निचे बताया जा रहा है।

  1. IETF - यदि आप manually इस type को define नहीं करते है तो Cisco routers पर default frame relay encapsulation type Cisco होता है। इस type को आप केवल तब ही define करेंगे जब आप किसी Cisco router को किसी दूसरे vendor के router से frame relay के द्वारा जोड़ना चाहते है।
  2. Cisco - Cisco devices पर ये default encapsulation type होता है।