WAN (Wide Area Network)

Introduction to WAN (Wide Area Network)

एक LAN limited area में फैला हुआ network होता है जैसे की किसी organization की building या campus आदि। LAN को आप खुद manage करते है। आप अलग अलग topologies को use करते हुए अपने organization में LAN network बिछा सकते है। LAN में एक switch होता है जिससे आप बहुत से hosts को connect करते है।

WAN (Wide Area Network) एक बहुत बड़े geographical area में फैला हुआ network होता है। जैसे की जब बात किन्हीं दो देशों के बीच network की आती है तो ऐसी situation में ये network WAN technology पर आधारित होता है। WAN बहुत से LANs (Local Area Networks) को आपस में connect करता है। WAN को आप control नहीं कर सकते है, ये ISP (Internet Service Provider) द्वारा control किया जाता है।

आइये अब इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझने का प्रयास करते है। मान लीजिये आपकी एक छोटी सी organization है जो एक छोटी सी building में काम करती है। अपनी organization में आप कुछ hosts को internet से जोड़ना चाहते है। इसके लिए आप एक internet (broadband) connection लेते है।

Internet connection आपको ISP द्वारा provide किया जाता है। ISP कोई भी हो सकता है जैसे की BSNL, Airtel आदि। Connection लेने की बाद आप अपनी organization में network setup करते है और सभी hosts को connect कर देते है। आप किस प्रकार setup करेंगे ये आप पर depend करता है। आपका ये setup एक LAN है जो आपने अपनी organization की building में बिछाया है। आप किसी भी host को इस network से जोड़ सकते है या remove कर सकते है ये पूरी तरह से आपके ऊपर निर्भर करता है।

दूसरी तरफ WAN है जो आपके इस network को बाकी दूसरे LANs से connect करता है ताकि दूसरी city या country से भी कोई आपसे जुड़ सके और आप उसको email आदि send कर सकें। जैसा की मैने आपको पहले बताया WAN किस प्रकार काम करता है इसे आप control नहीं कर सकते है ये पूरी तरह ISP पर निर्भर करता है।

WAN के fast और reliable होने की वजह से आजकल WAN का चलन बढ़ता जा रहा है। अब WAN को छोटे area के लिए भी use किया जा रहा है। इसलिए ये identify करना काफ़ी मुश्किल होता है की कोई network किस प्रकार का है।

ऐसी situation में आप किसी network को technology और devices के आधार पर identify कर सकते है। उदाहरण के लिए यदि किन्हीं 2 building के बीच connection Ethernet से establish किया गया है तो वह एक LAN network होगा। यदि ये connection एक dedicated T1 line से establish किया गया है तो वह एक WAN network होगा।

WAN (Wide Area Network) Connection Types

एक WAN connection आप 3 प्रकार की technologies को use करते हुए setup कर सकते है। इनके बारे में निचे दिया जा रहा है।

Point to Point

इस प्रकार की technologies को dedicated या leased lines भी कहा जाता है। इस प्रकार की technologies WAN connection setup करने के लिए सभी दूसरी technologies से expensive होती है। Point to point technologies Service Provider द्वारा lease पर दी जाती है। ये technology दो locations के बीच establish की जाती है इसलिए इसे point to point technology कहा जाता है।

Locations के बीच की दुरी और allocate की गयी bandwidth के अनुसार इस technology की cost determine की जाती है। Point to point technologies में data transfer के लिए किसी भी प्रकार के connection setup की आवश्यकता नहीं होती है। इस तरह की technology में connection हमेशा on ही रहता है।

Point to point technologies के उदाहरण निचे दिए जा रहे है।

  1. T1 Lines - एक T1 line service provider और client के बीच एक dedicated link होती है। T1 line में ज्यादा data carry करने के लिए telephone line को use किया जाता है। एक T1 line 1.544 Mbps की rate पर data को carry करती है।
  2. T3 Lines - T1 lines के comparison में T3 lines 44.736 Mbps की rate पर data carry करती है। T3 lines network backbone के रूप में काम करती है, इसलिए T1 lines के comparison में बहुत कम use की जाती है।

Circuit Switched

इस तरह की technology में data transfer से पहले connection setup की आवश्यकता पड़ती है। ये एक session होता है जो data transfer के दौरान active रहता है। जैसे ही data transfer complete होता है ये session बंद हो जाता है। इसे on demand circuit कहा जाता है।

Circuit switched technologies के उदाहरण निचे दिए जा रहे है।

  1. Dial Up - Dial up एक connection होता है जो modem के द्वारा establish किया जाता है। इस तरह के connection में client के द्वारा connection के लिए request भेजी जाती है।
  2. ISDN - Integrated Service Digital Network एक communication standards का set है। ISDN के द्वारा आप कई प्रकार का data जैसे की voice, video आदि simultaneously भेज सकते है।

Packet Switched

Packet switched technologies सभी service providers के बीच एक common infrastructure share करती है। इस प्रकार की technologies में bandwidth की कोई guarantee नहीं होती है। इस प्रकार की technologies best effort के base पर काम करती है। Packet switched technologies ऐसी application के लिए होती है जिन्हें consistent bandwidth की requirement होती है लेकिन साथ ही ये circuit switched और point to point technologies से बेहतर होती है।

Packet switched technologies के उदाहरण निचे दिए जा रहे है।

  1. Frame Relay - Frame relay एक cost efficient service है। इसे LAN को आपस में connect करने के लिए use किया जाता है। साथ ही frame relay को WAN end points पर भी use किया जाता है।
  2. X.25 - X.25 protocol अलग अलग public networks में स्थित hosts को एक intermediary host के द्वारा communicate करने की facility provide करता है।

WAN (Wide Area Network) Terminology

WAN technology से जुडी हुई ऐसी कुछ terms है जिनके बारे में जानकार आप WAN को और भी अच्छी तरह समझ पाएंगे। इनके बारे में निचे बताया जा रहा है।

Customer Premise Equipment

CPE एक equipment होता है जो की subscriber (customer) की physical location पर स्थित रहता है। उदाहरण के लिए यदि आपने कोई नया broadband connection लिया है तो आपको telephone handset provide किया जाता है। Telephone handset CPE category का ही equipment होता है।

CSU/DSU (Channelized Service Unit/Data Service Unit)

CSU/DSU एक hardware device होता है। यह device T1 या T3 technology के लिए clocking और channelization provide करता है। CSU/DSU WAN से आ रहे signal को LAN के लिए convert करता है और LAN से आ रहे signal को WAN के लिए convert करता है।

एक बात ध्यान रखने योग्य है की यदि T1 या T3 के अलावा कोई दूसरी WAN technology use की जा रही है तो इसके लिए आपको दूसरे device की आवश्यकता होगी। CSU/DSU के उदाहरण ISDN और Dialup है।

Demarc

Demarc CPE (Customer Permise Equipment) और service provider equipment के बीच interface होता है। Demarc के CPE की तरफ के जितने भी device होते है उन्हें maintain करना customer की responsibility होती है। Demarc physically labeled नहीं होता है। ज्यादातर cases में यह एक 2 port या 4 port का physical panel होता है।

Smart Jack

एक T1 line smart jack में plugged in होती है। Smart jack में आकर T1 line terminate हो जाती है। यदि कभी connectivity में कोई issue आता है तो service provider smart jack को ping करता है। यदि ping test successful रहता है तो ये माना जाता है की problem customer side में है। Smart jack एक glass के box में packed रहता है।

Local Loop

Local loop उस line को कहते है जो customer premise और service provide के office के बीच होती है।

WAN (Wide Area Network) Encapsulation

WAN technology OSI model की physical और data link layer पर काम करती है। इसलिए higher layer protocols पर WAN link को cross करने से पहले data encapsulate किया जाता है। एक WAN सामान्यतः किसी Cisco device के serial link पर terminate होती है। Serial link कई प्रकार के WAN encapsulation types को support करता है। इन encapsulation types को आप manually specify करते है।

By default serial interface HDLC (High Level Data Link Control Protocol) को encapsulation के लिए use करता है। Serial interface के द्वारा support किये जाने वाले दूसरे encapsulation types की list निचे दी जा रही है।

  1. SDLC
  2. PPP
  3. LAPB
  4. Frame Relay
  5. X.25
  6. ATM

जो भी encapsulation type use किया जाए वह point to point link के दोनों तरफ same होना चाहिए।